ख़्वाबों के पन्ने इस पानी से जो गल जायें बात तो तब बने जब आँसुओं के साथ कुछ सपने भी बह जायें यूँ जो... ख़्वाबों के पन्ने इस पानी से जो गल जायें बात तो तब बने जब आँसुओं के साथ कुछ सपन...
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की,किसी गडरिये के होठो... बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की...
ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है। ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है।
मित्र मेरे ! मित्र मेरे !
प्रिय मेरे.............. प्रिय मेरे..............